क़ानून
!
तूने बना दिया
दयनीय
पूतोंवाली को
......
हर पल वो डरे
कहीं बेटी
अपना हक न छीन
ले
उसके बेटों से
......
उन बेटों का
वह गुणगान करे
जिनके पास
समय नहीं बचे
उसके लिए
अपने परिवार
से .......
भूत काल तो
बीत गया
पर माँ का मोह
न टूटा .......
कामवाली डट कर
करें मनमर्जी
पर न माने माँ
कभी
अपनी सगी
बिटिया को ......
कहीं
सेवा के नाम
पे
सगी बिटिया
अपना हक न ले
ले ........
कितना त्रसित
किया है तूने
ओ रे क़ानून !
इस
वृद्धा को.......
एक सौभाग्य
शाली माँ को |
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