मंगलवार, 4 फ़रवरी 2014

दे कर ही जायेंगे

रोते हुए आये थे हम
हंसते हुए जायेंगे
खाली हाथ आये थे 
दे कर ही
कुछ जायेंगे जग को
दानी कर्ण का
दस्तूर निभाएंगे हम
मान रखना चाहो मेरा
तो इतना करना
दूजा कर्ण
न जन्म देना |


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