गाय रम्भाई
सड़क पर
निकल
पड़ा मालिक रोटी ले .....
रोटी खिला
गाय को
नमस्कार करते देख
मालिक को
न जाने क्यों
आज
गेट पर बैठे
दरबान को
अपनी दो
वर्षीय बिटिया याद आई
सबेरे उठते ही
जो
अपने बिखरे
बाल में
माँ के पीछे
पीछे घूमती थी
और
रोटी दे .....
रोटी दे ......
कह कर रोती थी
..............
आंगन झाड़ू
देती थी
पत्नी
और
अपने भाग्य को
कोसती थी .........
आज
उसे मालिक से
हर रोज मिलने
वाले पकवान से
वितृष्णा हो
गयी .......
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