हम निर्माता जग के
नया सबेरा लायेंगे |
हम
विद्यार्थी
अपनों
को नया पाठ पढ़ाएंगे |
हम
कतरेंगे
विद्याध्ययन से अभाव के पर |
हम अबोध नहीं
उड़ायेंगे
ज्ञान पताका अपनी |
हम बांधेंगे
मौसम को अपने धागे से |
हम न होने देंगे सूखी
निज धरा |
हमें न समझना कम
हममें है जोश वक्त का |
हम भी देखेंगे
कैसे
उड़ेगी ये मंहगाई चील |
हम आँख निकलेंगे इसकी
ज्यों ही यह धरा पे आयेगी |
छोटे हैं
पर
समझ बड़ी है |
देखना
हम पढ़ाएंगे पहाड़ा एकदिन
कालेधन के संग्रहकर्ता को
|
हम बालक
बालिका
एक
दिन उदाहरण बन जायेंगे |
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