रविवार, 7 अक्टूबर 2012

छोटी कवितायेँ - 16

         माँ



माँ की दुलारी बेटी
रहने लगी
नानी के पास
पिता से लड़ के
देख सकी थी वो
किसी दूसरी को
अपनी भगवान की प्यारी
माँ का स्थान लेते हुए
पर जिसकी नानी न हो
वो क्या करे ?

  सफेद चाँद  

आज सुबह
सफेद चेहरा था चाँद का
वह आया था
कोहरा ओढ़ कर
भाई सूर्य से मिलने ....
बीमार चाँद को देख
भाई सूर्य ने मुंह फिर लिया
...........
थोड़ी देर खड़ा रहा
फिर दुखी मन से
लौट गया वो |

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