गुरुवार, 18 अक्टूबर 2012

हाइकू - 50


खोया आदमी
बस कमा रहा है
भूला है जीना |


एक तड़प
बस सहे जा रहा 
ये कैसी सोंच |

कल जानें
पर दौड़ रहे हैं
भला क्यों हम ?

रुक थोड़ा सा
जी ले पल भर तू
साँस ले थोड़ी |


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