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January 2016
09:39
-इंदु बाला
सिंह
मुश्किल है
जीना
और
बचना
जातिवाद
के ...........लिंग भेद के .....नशे से .....
पल भर को
दिग्भ्रमित ........... कुठित ....................हो जाती है बुद्धि .......
प्राइवेट
स्कूलों में
तो
बच जाता
सुरक्षित मन
पर
पहुंचते ही
कालेज
बनने लगता है
अस्तित्व विद्यार्थी का जातिवाद के ...... लिंग भेद के ......बल पे ......
तीन चौथाई
मानसिक शक्ति लग जाय पहचानने में जाति का आतंक
और
अपने एक चौथाई मनोबल से जूझता है विद्यार्थी कालेज में
कोई जाति
आधारित स्कालरशिप ले के
तो
कोई अभाव में
........
असम्भव नहीं
है जीना
अस्तित्व
बनाना कालेज में
पर
कच्चे मन को
सम्हालते हुये ............लहुलुहान मन को बचाते हुये
कालेज में
उच्च शिक्षा प्राप्त करना कितना कठिन है
जरा
विद्यार्थी से पूछ के देखो न
जो
कलेजे पे
पत्थर बाँध के देखता है
अपने से कमजोर छात्र ......छात्रा........को आगे बढ़ते
गोल्ड मेडल
प्राप्त करते .......... डाक्टरेट डिग्री प्राप्त करते |