My 3rd of 7 blogs, i.e. अनुभवों के पंछी, कहानियों का पेड़, ek chouthayee akash, बोलते चित्र, Beyond Clouds, Sansmaran, Indu's World.
#इन्दु_बाला_सिंह
बलि दी गयी
गाँव के स्कूल में पढ़नेवाले छः वर्षीय बच्चे की
अख़बार में छपी थी खबर
बलि थी
या
कुछ और था
न जाने क्या था
ग़रीबी अभिशाप थी शायद
आज भी बच्चे के खून से हाथ रेंगनेवाला
न जाने कैसा हैवान है
न जाने किस समाज का विकार है ।
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