गुरुवार, 26 सितंबर 2024

उस दिन

 


#इन्दु_बाला_सिंह


बातें कर रहे थे 


वे 


राम का वनवास का काव्य है  बंदे मातरम् 


और 


मैंने कहा था 


सीता के वनवास का काव्य है बंदे मातरम् 


सब चुप रह गये थे 


न जाने क्यूँ ।



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