बुधवार, 15 जुलाई 2020

छात्र ही सच्चे दोस्त हैं


- इंदु बाला सिंह
छात्रों के रियूनियन में मिलती हूं अपने छात्रों से
उनकी खुशी में मेरी खुशी है
अच्छा लगता है उन्हें आगे बढ़ते देख
जेंडर फ्री मस्त जिंदगी जीते देख
बड़ी जल्दी ये छात्र ही लिंग भेद मिटायेंगे - मैं मन ही मन कह उठती हूं .....
मां !
तुम उन्हें चित्रों में , वीडियो में देख स्वतः कह उठती हो -
मेरे बच्चे ऐसी खुशी महसूस न कर पाये .....
वह भूल जाती है कि उसने हमें स्वाभिमान पूर्वक जीने का मौका दिया ....
माँ !
जरा सोंचो तुमने क्या खोया
हम भाई बहन मुस्काये .. तुम मुस्काई |
काश !
मैं तुम्हें हँसते देख पाती
तुम्हें तुम्हारी खुशियां लौटा पाती !
मां ! हमने तो तुम्हें सदा मित्रहीन ही देखा
शायद हम भाई बहन ही तुम्हारे सब कुछ थे |

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