बुधवार, 15 जुलाई 2020

पॉश कालोनी


- इंदु बाला सिंह
तेरे बस्ती में आयी थी तो सर उठा कर चलती थी
आज सर झुका कर चलती हूं
किसी को देखना नहीं चाहती ... फेर में हूं
मैं पॉश हो गयी हूं
या
चिंतक़ हो गयी हूं ।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें