बुधवार, 3 जुलाई 2013

बांटिये मुस्कराहटें

मुस्करा कर चलते  रहिये
क्यों बांटेगे गम किसी की झोली में
बाँटना है तो बांटिये अपनी मुस्कराहटें
मिलेगी प्रसन्न आखों की चमक आपको
कुछ पल को भूला देंगी वे
आपका गम |

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें