पास जो आता
है तेरे
अचंभित रह
जाता है वह
ये कैसा
अद्भुत इतिहास रचता है तू
चाह कर भी तुझ जैसा नहीं बन पाता है कोई निकटस्थ
ये कैसा
करिश्मा है
तेरे वजूद का
पर
जहां भी रहे
तू
तेरा मन सदा
खुश रहे
यही मंगलकामना
आज तेरी जन्मदाता करे |
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