रविवार, 7 जुलाई 2013

बेटी में बसें पिता

     

बेटी आजीवन पिता की ही होती है
पास रहे या दूर
पिता ही जीते हैं उसमें
आजीवन |
जिस दिन पिता का जनाजा उठता है
बेटी के हृदय से
उस दिन वह मात्र एक मादा जानवर बन जाती है |

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