रविवार, 8 नवंबर 2015

शहर और गांव कितने दूर



-इंदु बाला सिंह

आज वह छोटा है
कल बड़ा हो जायेगा
रिलेशन बना रहना चाहिये -
शहर ने सपाट चेहरे से कहा
गांव तैश में था -
उसकी इतनी हिम्मत !
भिखारी कहीं का !
खाने को अन्न नहीं घर में !
अपने कर्म भूल गया वह ?
अरे ! किस घर का लड़का है ! इतिहास याद रखा होगा  वह  जरूर । 

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