26
November 2015
07:24
-इंदु बाला
सिंह
1987 में लिखी गयी थी
केवल खाना
कपड़ा पर काम करनेवाली
ओ
री व्यवस्थापक !
मातृत्व
के बल पर तुम इज्जतदार हो .....
घर की
महत्वपूर्ण समस्यायें समझी जाती हैं .............सुलझायी जातीं हैं
केवल मर्दों
द्वारा ..........
तुम खुश हो
तुम्हारे पास
अपना मर्द है ....बेटा है ........ छोटा भाई भी है
तुममें
बात समझने की
निर्णय लेने
की क्षमता नगण्य क्यों है ?
तुम तो शक्ति
पुंज हो ...........प्रकाश स्तम्भ हो
तुम इतनी
श्रीहीन क्यों हो |
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