शुक्रवार, 27 नवंबर 2015

शायद यही नरक भोग है



-इंदु बाला सिंह

बिस्तर में पड़ी रहती है वह .........
वह  बुजुर्ग महिला
बोल नहीं सकती
सुन नहीं सकती
चल नहीं सकती
उसे उठा कर बाथरूम ले जाना पड़ता है ........
अस्पताल में भर्ती करने के लिये
चाहिये पैसे
फिर देखभाल के लिये चाहिये एक नर्स
कहां से आये  पैसे !
घर की युवा महिला सदस्य नौकरी करती है ........
सुन कर
पड़ोसन  मुंह से
एक बुजुर्ग की त्रासदी
दुखित  हो गया जी.........
शायद यही नरक भोग है । 

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