शुक्रवार, 27 जून 2014

जिम्मेवारी


27 June 2014
07:05
-इंदु बाला सिंह

तुमने चुभोया तो
हम क्यों तिलमिलाएं
हम तो
नित अपनों की चुभन झेलते हैं .........
राह
अंधेरी है तो
हमें क्या डर है
हम तो
अंधेरे घर में रहते हैं ............
प्राण है तो
जिम्मेवारी है
हम अपने दोनों हाथ में
दिल और दिमाग का प्रकाश दीप  लिए चलते हैं |

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