08 June
2014
20:33
-इंदु बाला
सिंह
सत्य
और
श्रम के
मेल से
जन्मे
अनोखे पौधा
को
वृक्ष
छायादार
व फलधारी बनने में
वर्षों लग
जाते हैं
कभी कभी
उस पौधे के
विशाल खुबसूरत रूप को
उसे प्रतिदिन
जल से
सीन्चनेवाला
खाद देनेवाला
माली भी
नहीं देख पाता
है
पर
वृक्ष लगा
पाने की
खुशी से बड़ी
एक माली की
कोई नहीं होती है
और
इसी खुशी के
साथ
वह
जग से
कूच कर जाता
है |
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