26 June
2014
07:06
-इंदु बाला
सिंह
खटिये पे
लेटे दादा ने
लाठी घुमायी
पोती को बाहरी
दलान से भगा दिए ....
भीतर जयिबू की
नाहीं .....
और
पोते को खटिये के पास खड़ा कर
पहाड़ा पूछने
लगे ............
घर में
बड़की माई के
बेटे के लिए
उपहार में
मिली
चमचमाती स्टील
की थाली थी खाने के लिए
जिसे
उसी संयुक्त
परिवार की बिटिया देखती थी तृषित निगाह से
पर
उस चमचमाती
थाली में
खाने की चाह
उस बिटिया की
उस घर में
कभी न पूरी
हुयी .........
लेकिन
घर में
उसी घर की
बिटिया में
बेटी हक की आग
सुलग उठी |
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