सोमवार, 2 जून 2014

मोहग्रस्त शिक्षक


27 May 2014
07:19

-इंदु बाला सिंह

शिक्षक !
तू
भुलावे में क्यों जीता .......
ज्ञानी
साधारणतया भूखों मरता ........
तुझसे
ज्ञान पा
छात्र
अगर तेरा अहसानमन्द रहते 
तो
तुझसे ज्ञान प्राप्त
हजारों छात्र
किसी दिन
तुझे
अकेला न छोड़ते
हर दिन तेरा
ड्राईंग रूम तेरे छात्रों से गुलजार रहता
अपने जन्मदाता से
मुंह फेरनेवाले
तुझे क्या याद रखेंगे ........
ज्ञान देने की
तूने तनख्वाह ली
या
ज्ञान दान दिया
यह
तेरी जरूरत थी
तेरा अपना शौक था ..........
आशा
ने
निराशा को जन्म दिया
का
दूसरों को
पाठ पढ़ानेवाला
आज
अपना पाठ
कैसे तू भूल गया
खुश रह तू
तुझ पर टिकी है
तुझे देख रही
आज
आनेवाली पीढ़ी |



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