27 May 2014
11:42
-इंदु बाला सिंह
उसके सपनों के पहाड़
की कहानी
सुन हंसते थे सब ..........
इतने ऊंचे पहाड़ ने
उसे जब नौकरी न दिलायी
तब
वह
प्रतिदिन
अपने उस सपनों के ग्रेनाइट के पहाड़ का
एक टुकड़ा
समय को बेच देती थी
और
अपने परिवार का पेट पालती थी .........
यह अजूबा धंधा
जग
इर्ष्या से
देख रहा था
और
उसकी औलादें
सीढ़ी डर सीढ़ी चढ़ रहीं थीं |
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