21 June
2014
12:49
-इंदु बाला
सिंह
मन तो
छोटा चंचल
भाई है
दौड़ता रहता
है
इधर
उधर ........
वह तो
हर पल खेले
छुप्पा - छुप्पी .......
पर
बड़ी बहन
बुद्धि की एक डपट पे
सहम जाये
और
बैठ जाये
चुपचाप कुर्सी
पे
लेकर
अपनी किताब
हाथ में |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें