सोमवार, 8 अप्रैल 2013

अब अकेले चलें


अब हम अकेले अकेले चलें
ठीक है न !
कभी तुम आगे चलना
कभी मैं
क्या पता कब साथ छूट जाए अपना
अकेले चलने की आदत अब चलो बना लेते हैं हम
यादें हमारी सदा रहेंगी मित्र
उनसे बतियाते कट जायेगा
यह जीवन का रास्ता
यों न देखो मुझे
जो अवस्यम्भावी है
उसके लिए चलो हम तैयार हो जाएँ |

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