शनिवार, 20 अप्रैल 2013

पुत्र सरीखी हूं |


मेरा अपमान
तुम तभी शुरू कर देते हो
जब मेरी फोटो खिंचवा कर पाकेट में डालते हो
और छुट्टियां ले गाँव में
रिश्तेदारों के पास
मित्रों के पास
भटकने लगते हो
अच्छे लड़के की तलाश में
और वह लड़का तुम्हारा बैंक बैलेंस महसूस कर
मेरी फोटो से आंखें फेर लेता है
मुझे न पसंद करने के कई बहाने बनाने लगता है
जितना तुम गली गली भटकते हो
मेरी फोटो के साथ
उतना ही मेरा मान गिरता जाता है
मैं छोटी होती जाती हूँ
खुद की निगाह में
मौन होती जाती हूँ धीरे धीरे
बेटी हूँ
तो क्या तुम्हारे पुत्र सरीखी नहीं मैं !

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