तुम्हारे
काले चश्मे में छुपी आंखें
दिख ही जाती
हैं मुझे
लाख छुपाओ
तुम उन्हें
तुम्हारी
लाचारगी का हाल
कह ही जाती
हैं मुझसे
ओ
मेरे पुत्र !
दुनिया के
पहचाने चेहरे में
सदा शोषण करने
को आतुर
एक अनजान
चेहरा भी छुपा है
कभी न भूलना
प्यारे
आंख तरेरना
रास्ते के बाघों को
लौट जायेंगे
वे अपने घर |
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