पिता नहीं
बदलते
पुत्र बदल
जाते हैं समय के साथ
पुत्री का
कन्यादान
पुत्र
को सम्पत्ति का मालिक बना मुक्त हो जाते हैं
अपने पिता की
तरह ..
पुत्र निभाएगा
न रिश्तेदारी उनकी तरह
बहन का सुख
दुःख बांटेगा
पर
आज तो लड़की लड़का की बराबरी का युग हैं
आज तो लड़की लड़का की बराबरी का युग हैं
वह क्यों ढोए
बहन का रिश्ता
पिता ने समान
सम्पत्ति की मालिकाना के तहत
वारिस बेटी को
न बनाया
यह पिता का
दोष था उसका नहीं
बहन का कष्ट
उसका अपना भाग्य है |