शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2020

सवेरा और सन्ध्या


- इंदु बाला सिंह


अपनों द्वारा ठगा जाना

आर्थिक तंगहाली

बीमारी

अदूरदर्शिता

से बड़ी ब्याधि कोई नहीं

इसका इलाज भी कुछ नहीं

अकर्मण्यता

दूसरे पर विश्वास

और नेकी कर याद रखना

से बड़ी कोई दुखद बात नहीं .......

बदलाव जब शुरू हो तभी सबेरा है

वरना

जीवन सन्ध्या है ।

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