- इंदु बाला सिंह
आह ! कितना अंधेरापन है
शायद
अकेलापन है
ऐसा ही लगता होगा क्या मौत के समय ?
सब अपने हैं
सब खुश हैं
बाते कर रहे हैं आपस में
आखिर क्या बात कर रहे हैं वे !
ऐसा सन्नाटा क्यों है मेरे चारों तरफ ?
इतना खालीपन क्यों है !
कोई खुशी के पल याद क्यों नही आ रहे ?
क्यों !
आखिर क्यों !!
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