शनिवार, 23 मई 2015

ढूंढूं भगवान


24 May 2015
10:34

-इंदु बाला सिंह


कौन बोलता है !
भगवान हैं
होंगे तो अंधे होंगे
तभी न दिखता उसे
भूखा बालक
छतहीन औरत
कचरा में नसीब ढूंढता कंकाल
अपनों का हक हजम करता इंसान
वर्ना
अपने ही अंश को तड़पते देख
क्या न तांडव करता
वह |

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