24 May
2015
10:34
-इंदु बाला
सिंह
कौन
बोलता है !
भगवान हैं
होंगे तो अंधे
होंगे
तभी न दिखता
उसे
भूखा बालक
छतहीन औरत
कचरा में नसीब
ढूंढता कंकाल
अपनों का हक
हजम करता इंसान
वर्ना
अपने ही अंश
को तड़पते देख
क्या न तांडव
करता
वह |
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