22 May
2015
08:01
-इंदु बाला
सिंह
सुंदर लडकियां
व लड़के
सांय सांय
गुजरती लम्बी कारें
विशालकाय
मकानों के ग्राउंड फ्लोर में खड़ी कारें
और सामने बैठे
सिक्युरिटी गार्ड हमारे मुहल्ले को सुरक्षा के साथ ही साथ भब्य्ता भी प्रदान करते
हैं ......
हमारा मुहल्ला
पॉश है
हम मकान की
आपसी निजता का मान रखते हैं
मुहल्ले की
खबरें
हम अखबार में .पढ़ते हैं ......
एक शाम दिखी
एक व्हील चेयरवाली औरत
फिर हर रोज
घुमायी जाने लगी सड़क पर एक कामवाली द्वारा
न जाने किस
मकान की निवासिनी थी वह
वह
अजूबी कृशकाय उम्रदराज .......
उस चलते फिरते
इतिहास को
चाह कर भी न
पढ़ पायी
क्यों कि
हमारे मुहल्ले
की शान के खिलाफ था यह |