गुरुवार, 21 नवंबर 2013

भोर का भय

ब्याह कर आयी थी
सास का डर था
सबेरे सूर्योदय से पहले
सबके उठने से पहले सो कर उठना
और नहा धो कर रसोई में जाना रहता था
आज बहू का डर है
भोर भोर उठने में डर लगता है उसे
क्या भोर भोर उठ जाती हैं अम्मा
चैन से सोने भी नहीं देतीं |

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