My 3rd of 7 blogs, i.e. अनुभवों के पंछी,
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रविवार, 6 दिसंबर 2015
डगमग चलती नन्हीं बिटिया
- इंदु बाला सिंह
बेटी निकली घर से
पहुंची
नयी दुनियां में
नये नये लोग मिले
भूल चला मन मां का स्नेह
पर
अपने घर में बैठी मां
करे चिंता
दूरस्थ बिटिया की
याद आये
उसे
डगमग कदमों से चलती
नन्हीं बिटिया अपनी ।
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