बुधवार, 30 दिसंबर 2015

निकलने का पल आ रहा पास





-इंदु बाला सिंह


देखते देखते
बाट जोहते
वर्ष छोटे होने लगे
और
दिन लम्बे
चलूं
छांटना ......... बांधना शुरू करूं
अब
अपना असबाब  ..........
निकलने का पल आ रहा पास
मकान को
साफ़ सुथरा कर
छोड़ जाना
भली बात । 

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