My 3rd of 7 blogs, i.e. अनुभवों के पंछी,
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सोमवार, 7 दिसंबर 2015
सड़क सुरक्षित थी
- इंदु बाला सिंह
एक दिन महिलाएं आफिस जा रहीं थीं
और
दुसरे दिन पुरुष
सड़क
शांत थी
सुरक्षित थी
घर में
बच्चे खुश थे
मैं पसीने पसीने था
आँख खुली .....
पत्नी बच्चों समेत मैके में थी
और
आज रविवार था ।
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