07
February 2015
08:16
-इंदु बाला
सिंह
चल पकड़ें
पलों को
मुट्ठी में
और
लगा दें
हर पल के बीज
अपने दिलों में ........
थके मन
सुस्तायेंगे
इन्हीं पलों
के वृक्ष तले
सपने देखेंगे
सपने ही तो
अपने होते हैं
जिसके सहारे
हम आजीवन चलते रहते हैं |
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