मंगलवार, 10 फ़रवरी 2015

शायद तुम्हें भूल जायें हम


11 February 2015
07:19
-इंदु बाला सिंह


माना कि तुम्हारे जंग में
अहम भूमिका निभायी तुम्हारी पत्नी ने
रंग गये अखबार तुम्हारी पत्नी की खुशियों के रंग से
तुम्हारी सरल झेंपी सी पत्नी ने
किया तृप्त और गौरान्वित हर बेटी के पिता को
पर
तुम्हारे माता पिता का उजास चेहरा
गुम गया था कहीं भीड़ में
शायद
अखबार भी उन्हें भूल चुके थे ........
कुछ दिन बाद
शायद हम भी तुम्हें भूल जायें |


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