गुरुवार, 23 अगस्त 2012

छोटी कवितायेँ - 3


 शैतान बच्चे

स्कूल की घंटी बजते ही
सूरज भागा
बादल दौड़ा आया
लगा बरसने
नाचने
नगाडा बजाने
फ्लैश मारने
बच्चे , शिक्षक हैरान
देख उनकी शैतानी |


कठोरता
    
क्रोध
कठोर करे
मनुष्य को
गलतियाँ असह्य हो जाएं
बच्चों की
विद्यार्थियों की तो
शामत आये
कुछ तो सुधारें ही वे
पर क्रोधी का तो
खून ही जल जाए |

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें