बुधवार, 30 मई 2012

हायकू - 14


तेरही बीती
मित्र आये पुत्र के
पुत्री पत्थर |

वाह रे पिता !
दिखाया रूप तूने
भूला बेटी को |

नित क्यों मारे
इससे भला माते !
कोख में मार |


कैसा पिता है !
किया तुने भिखारी
निज पुत्री को |

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