My 3rd of 7 blogs, i.e. अनुभवों के पंछी,
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बुधवार, 23 मार्च 2016
ये लो ! काट ली मैंने पतंग
-इंदु बाला सिंह
एक ई मेल पर क्लिक से
उड़ी मुन्ने की पतंग
और
चलने लगा दांव पेंच
पतंग काटने का .......
यह काटा ..... अरे रे रे काटा ....... लो कट गयी पड़ोसी की पतंग .......
मुन्ना किलक उठा ...... अहा ! मैं राजा हूं |
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