My 3rd of 7 blogs, i.e. अनुभवों के पंछी,
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रविवार, 13 मार्च 2016
अनोखी शिक्षिका
-इंदु बाला सिंह
नर्सरी कक्षा के दरवाजे के बाहर खड़ा था
एक नंग धड़ंग बच्चा .....
और
मेरी सिट्टी पिट्टी गुम ...........
यह
कैसी सजा थी ........
कैसा वातावरण था ...........
कैसा हृदय था शिक्षिका का ...........
जो न दीखता था
किसीको ।
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