तेरही बीती
मित्र आये पुत्र के
पुत्री पत्थर |
वाह रे पिता !
दिखाया रूप तूने
भूला बेटी को |
नित क्यों मारे
इससे भला माते !
कोख
में मार |
कैसा पिता है !
किया तुने
भिखारी
निज
पुत्री को |
My 3rd of 7 blogs, i.e. अनुभवों के पंछी, कहानियों का पेड़, ek chouthayee akash, बोलते चित्र, Beyond Clouds, Sansmaran, Indu's World.