समय किसके बांधे बंधा है
यह तो है बहती जलधार
छूते
ही अहसास पायें हम इसका |
क्यों न हम हों सवार
और मोड़ दें इस बिगड़ैल
घोड़े को
अपने वांछित गंतव्य की ओर |
कायर ही रोता
वीर बनाता राह
तोड़ कर समय का पहाड़ |
अभाव
समय का वरदान है
देता है हमें यह प्रेणना
और हम छप जाते हैं किताबों में |
समय समय का मोहताज नहीं
हम हैं समय के सिपाही
रुकते ही गोली लग जायेगी मौत की |
हमें जीना है अभी और
देना है उदाहरण
आने वाली पौध को |
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