My 3rd of 7 blogs, i.e. अनुभवों के पंछी,
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मंगलवार, 16 फ़रवरी 2016
रेंगो मत
-इंदु बाला सिंह
आकाश छूना है
तो
रेंगते क्यों हो .........
मारो एक जोर की उछाल
पल भर को छूटेगी जमीन और पाओगे तुम
अपना मनोवांछित पल ..........
घर का गुरुत्वाकर्षण खींच लायेगा
वापस तुम्हें
अपनी धरा पर ।
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