#इन्दु_बाला_सिंह
बेकारी बढ़ गयी थी
हर वर्ग में आक्रोश था
नेताओं को कुछ करना था
उन्हें अपने पद की चिंता थी
मुनादी हुयी -
सत्यवादी अल्पसंख्यक हो गये हैं
उनके लिये दस प्रतिशत कोटे की व्यवस्था की गयी है ।
सभी अपने अपने को सत्यवादी कहने लगे
सत्यवादिता के सर्टिफिकेट पर कलक्टर मुहर लगाने का जिम्मा सौंपा गया
कलक्टर सरकारी अधिकारी था
वैसे जज को भी पावर दिया गया था सर्टिफिकेट पर मुहर लगाने का
लंबी लाइन लगने लगी
सत्यवादिता के सर्टिफिकेट बनवाने के लिये
नौकरी का आरक्षण प्रलोभनकारी था
धर्म , जाति और महिलाओं का आरक्षण ख़त्म हो चुका था
सरकारी नौकरी घट गयी थी
ऐसे में सत्यवादिता का आरक्षण बड़े काम की चीज थी
आम जनता को शांत करने के लिये
अब लोग नारे लगाना भूल गये ।
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