My 3rd of 7 blogs, i.e. अनुभवों के पंछी, कहानियों का पेड़, ek chouthayee akash, बोलते चित्र, Beyond Clouds, Sansmaran, Indu's World.
#इन्दु_बाला_सिंह
सतत भाग्य से लड़ते रहे
समय कटता रहा
अस्तित्व की लड़ाई जारी रही
गुमनाम ही रह गये
बुद्धिहीन कहलाते रहे
सकून की तलाश में भटकते रहे
घर ही न था
तो चिराग़ भी न बन सके
चौहत्तर के हो गये
बस पेंशनहीन जीवन जीते रहे
भटकते रहे हम ।
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