सोमवार, 26 अगस्त 2013

पुत्र कुछ लेता नहीं

पुत्र याद आता है
पुत्री न याद आती है हमें
पुत्र तो कुछ भला कर भी जाता हमारा
पर पुत्री सदा कुछ लेने ही आती
कैसे मान लें हम
अब पुत्र पुत्री एक समान
कोरा आदर्श
सदा दुःख ही देता
सुविधाभोगी है जग सारा |

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