गुरुवार, 22 अगस्त 2013

बादल गरजे

उमड़ घुमड़ कर गरजे बादल
चमक चमक कर बरसे कितना बादल
लो अब साफ हुआ असमान
सुखी सड़क
सूखा मन
अब काम पर निकलने को आतुर मन
बहुत हुआ दृश्यावलोकन |

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