प्रतिदिन
सात से चौदह पन्द्रह वर्ष के लडके घुमते
है सड़क पे
हाथ में गुलेल
पकड़े रंगीन कपड़ों में रूखे बालवाले ये काले दुबले
कहीं भी रूक
जाते हैं
मारते हैं
चिड़िया
नीरस चहरे
वाले ये ढांचे शान हैं अपने जन्मदाताओं के
लड़कियों का इस
उम्र का जत्था विभिन्न बिल्डिंगों में रहता है
ये
लडकियां कमा , खा , अच्छे कपड़े पहनकर अपने
मालिक के घर की सदस्या बनी रहती हैं
हर माह मालिक
से अपनी तनख्वाह ले अपने माता पिता की आमदनी बढाती हैं
मालिक के
बच्चों की स्कूटी से बाहर के काम भी कर
देती हैं ये
मालकिन से
मनुहार कर पढना लिखना भी सीख जाती हैं ये लडकियां
बिल्डिंगों
में सुरक्षित रह अपने जन्मदाता का ऋण
चुकाती हैं प्रतिमाह लडकियां |
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