बुधवार, 4 मई 2016

प्रार्थना विष है


25 April 2016
15:30
-इंदु बाला सिंह
कहते हैं
प्रार्थी को दान दे कर
उसे गुलाम न बना पायें हम
तो
बड़ी जल्दी वह ढूंढेगा ....मौका
सबके सामने हमें लज्जित करने का ...... अपमानित करने का ..........
शायद अव्हेत्न में छिपे इसी भाव के तहत
आजीवन दान नहीं दिया मैंने ......भीख नहीं दिया किसीको .................
बस प्रार्थी को समय के हवाले कर
उसके ......पीठ पीछे
उसके गुणों का बखान किया |

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें